हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर को मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संक्षिप्त स्पीच दी जिसके कुछ अहम भाग पेश हैं।
इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने, जंज़ान के शहीदों के सम्मानीय परिवारों और ज़ंजान के शहीदों की याद में सम्मेलन का आयोजन करने वाले अधिकारियों व कर्मकर्ताओं का शुक्रिया अदा किया और ईरान में जंजान के ऐतिहासिक स्थान व किरदार का ज़िक्र किया।
सुप्रीम लीडर ने शहीद और शहादत की अहमियत व स्थान के बारे में कहाः“शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता है। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने निष्ठा, बलिदान, सच्चाई और कोशिश को शहादत तक पहुंचने का रास्ता बताया। इसी तरह न्याय क़ायम करने की कोशिश, अल्लाह को मद्देनज़र रखना, लोगों की सेवा और धर्म की प्रभुसत्ता को क़ायम करना, इस रास्ते को तय करने में मददगार तत्व बताए।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने शहीदों की याद को बाक़ी रखने के लिए प्रोग्राम के आयोजन को अहम बताया और इसे पवित्र प्रतिरक्षा के मूल्यों को फिर से प्रचलित करने के चरण की शुरूआत क़रार दिया और कहा कि इसे रचनात्मक और नये अंदाज़ से जारी रखना चाहिए।
उन्होंने पवित्र प्रतिरक्षा और शहीदों की यादों को किताब, फ़िल्म और डॉक्यूमेंट्री का रूप देने जैसी सांस्कृतिक कोशिशों को सराहते हुए कहाः “इस काम के साथ साथ दूसरे काम भी होने चाहिए। जिसमें धर्म के प्रभावशाली तत्व की बुनियाद पर लिखी गयी इन डायरियों की समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की नज़र से समीक्षा व निष्कर्ष पेश करना शामिल है, यह बहुत अहम चीज़ है।”
उन्होंने शहीदों और उनके परिजनों में क़ुर्बानी और बहादुरी की भावना उभारने में धर्म को मुख्य तत्व बताया और कहा कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए, रिसर्च होनी चाहिए।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने महिलाओं के ज़रिए मुजाहिदों के कपड़ों की धुलाई, उनके लिए खाना व मुरब्बा बनाए जाने और घायलों की देखभाल जैसे मोर्चे के पीछे अंजाम पाने वाले काम का ज़िक्र करते हुए इनकी समीक्षा को मूल्यवान बताया। उन्होंने इसी संबंध में मोर्चे के पीछे महिलाओं की क़ुर्बानी की अपनी यादों की ओर इशारा करते हुए इन क़ुर्बानियों को हैरतअंगेज़ बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के अंत में हर शहर में सड़कों और रास्तों का नाम शहीदों के नाम पर होने का ज़िक्र करते हुए इसे उस शहर के लिए गर्व की बात बताया और अधिकारियों से इस मामले पर ध्यान देने की ताकीद की। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईरानी राष्ट्र जल्द ही अपने संघर्ष का असर कामयाबी के रूप में देखेगा और मुश्किलों से निपटने में कामयाब होगा।
![शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता](https://media.hawzahnews.com/d/2021/10/28/4/1306188.jpg)
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है। आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
-
पवित्र प्रतिरक्षा के शहीदों और बलिदानियों के सम्मान दिवस पर सुप्रीम लीडर का पैग़ाम
हौज़ा/पवित्र प्रतिरक्षा के शहीदों और बलिदानियों के सम्मान दिवस पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की तरफ़ से संदेश जारी हुआ जिसे शहीदों व बलिदानियों…
-
:हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई
हज व ज़ियारत विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,हज के लिए हाजियों को भेजने की तैयारी के तहत हज व ज़ियारत संस्था के कर्मचारियों व अधिकारियों ने…
-
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई:
हज़रत फतेमा ज़हेरा स.अ. की शहादत दिवस के अवसर पर शोक सभाओं के प्रोग्राम का एलान
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के दफ़्तर से एक एलान जारी हुआ है कि तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा…
-
यमन में ईरान के राजदूत की शहादत जैसी मौत पर इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर का शोक संदेश
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने यमन में ईरान के मुजाहिद और सराहनीय सेवाएं अंजाम देने वाले राजदूत हसन ईरलू…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
आयत की रौशनी में सारे धर्मों का लक्ष्य इंसाफ़ क़ायम करना हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां, हर धर्म की बुनियाद इंसाफ पर कायम है सभी धर्मों का खुला हुआ संदेश है…
-
सुप्रीम लीडरः शहीद, देश की सरहदों के साथ ही ईमान और अख़लाक़ की सरहदों की भी हिफ़ाज़त करते हैं
हौज़ा/ईलाम प्रांत के शहीदों की याद में सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की तक़रीर ईलाम प्रांत के तीन हज़ार शहीदों की…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
ईरान में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय टीचर्ज़ डे के मौके पर आए हुए टीचरों और बुद्धिजीवियों ने सुप्रीम लीडर से तेहरान में मुलाक़ात की।
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की टीचरों के साथ बातचीत,आप आइंदा नस्लों को रास्ता दिखाने वाले हैं, बच्चों में प्रतिरोध, आत्म विश्वास और क़ौमी पहिचान का…
-
इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खामेनेई:
पाकीज़गी का केन्द्र,आल्लाह के लिए काम, निःस्वार्थ सेवा, मुबाहेले में बहुत ख़ास स्थान हज़रत फातेमा ज़हेरा की विशेषताएं हैं।
हौज़ा/हज़रता फ़ातेमा ज़हेरा स.ल. के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर रविवार 23 जनवरी 2022 को देश के वक्ताओं, शायरों और अहलेबैत की शान में क़सीदा पढ़ने वालों के…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
तहरीक और इंक़ेलाब की कामयाबी का राज़
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,तहरीक और इंक़ेलाब की कामयाबी का राज़ है लगातार जिद्दोजिहद करना
-
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन उस्तवार मैमंदीः
विद्वानों की कलम की स्याही शहीदों के खून से भी ज्यादा वज़नी है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन उस्तवार-ए-मैमंदी ने अल्लाह के लिए जिहाद को आध्यात्मिकता की विशेषताओं में से एक मानते हुए कहा: हरम की रक्षा करने मे…
-
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई:
जनरल सुलैमानी फ़तह का पर्याय बन चुके हैं, साम्राज्यवाद विरोधी मोर्चा तेज़ी से आगे बढ रहा है।
हौज़ा/शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी पर उनके घरवालों और उनकी बरसी के प्रोग्राम करने वाली कमेटी के सदस्यों ने शनिवार को तेहरान में सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की तफ़सीरे क़ुरआन की तीन किताबें, प्रदर्शनी में पेश की गईं
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने क़ुरआने मजीद की तफ़सीर के विषय पर जो 12 किताबें लिखी हैं उनमें से 3 किताबें, अंतर्राष्ट्रीय बुक फ़ेयर में…
-
नैतिक मूल्यों के पालन के साथ सच्चाई को बयान करने का जेहाद दुश्मन के प्रोपैगंडे को बेअसर बना सकता है़
हौज़ा / हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों के चेहलुम की अज़ादारी पर इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर सैय्यद अली ख़ामेनेई ने आयतुल्लाह रय शहरी की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई/फोंटों
हौज़ा/अपना जीवन जेहाद करते हुए गुज़ारने वाले धर्मगुरु की नमाज़े जनाज़ा अदा करने के बाद इस्लामी क्रांति के नेता ने पहला वाक्य यही कहा कि जनाब रय शहरी के…
-
हाजियों की हिफ़ाज़त मेज़बान सरकार की बड़ी ज़िम्मेदारी, ज़ायोनियों की साज़िश से पर्दा उठाना ज़रूरी,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,इस्लामी गणराज्य के हज विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बुधवार को तेहरान में हरमे इमाम ख़ुमैनी…
-
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई:
अमरीकियों के अंदाज़े ग़लत हैं, यही वजह है कि वह ईरान के बारे में बार बार नाकाम हो रहे है
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने क़ुम वासियों के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर क़ुम के अवाम की सभा को विडियो…
-
हम शहादत के महान अर्थ और शहीदों की उच्च स्थिति की व्याख्या करने में असमर्थ हैं, आयतुल्लाह मज़ाहेरि
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया इस्फ़हान के प्रमुख ने कहा: जिहाद और शहादत की शिक्षा और चर्चा न केवल मदरसे की कलम और दवात से नही है, बल्कि इन आध्यात्मिक शहीदों…
-
ख़ुदा ने मंज़िल तक पहुंचने के लिए शहीदों को चुना,सैय्यद अली ख़ामेनेई
हौज़ा/लीडर बुलेटिनः ख़ुदा ने मंज़िल तक पहुंचने के लिए शहीदों को चुना - Episode: 02
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
यूक्रेन पर ईरान का स्टैंड
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां;यूक्रेन के मसले की जड़ अमरीका है, पश्चिमी मुल्कों की पॉलीसियां हैं।
-
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई:
देश की सेक्युरिटी विदेशियों के हाथ में न हो जिन लोगों ने अपनी सुरक्षा विदेशियों को सौंपी है, जल्द ही ख़मियाज़ा भुगतेंगे
हौज़ा / फ़ौजें अल्लाह की आज्ञा से रिआया का क़िला हैं।” हमारा देश इस कथन पर पूरा उतरता है। आज आर्म्ड फ़ोर्सेज़ संस्था, फ़ौज, आईआरजीसी, पुलिस और स्वंयसेवी…
-
अगर जनरल सुलेमानी न होते तो दुनिया की कोई भी आधुनिक सेना आईएसआईएस का मुकाबला नही कर सकती थी
हौज़ा / वक्ताओं ने कहा कि इस्लामी क्रांति के लिए पूरी दुनिया आभारी है और इस्लामी दुनिया प्रतिरोध मोर्चा और उसके शहीदों का आभारी है। यह प्रतिरोध का मोर्चा…
-
हेजाब तरक़्क़ी में रुकावट नहीं, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई
हौज़ा / इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने कहा कि खेल की प्रतियोगिताओं में जीत समाज को ऊर्जा, ज़िन्दादिली, हिम्मत, और इरादे की ताक़त का पैग़ाम देती है।…
-
इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खमेनेई:
ईरान के ख़िलाफ़ आर्थिक जंग में अमरीका ने अपनी शिकस्त स्वीकार की,
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने देश के कुछ उद्योगपतियों और कारखानों के मालिकों से मुलाक़ात की और उन लोगों से…
-
शहीद डॉ मुहम्मद अली नक़वी और अन्य शहीदों की महान वर्षगांठ के मौके पर बहिश्ते ज़हेरा क़ुम अलमुकद्देसा में मजलिस का आयोजन
हौज़ा/बारसी में शहीद डॉक्टर के पुत्र जनाब दानिश नक़वी ने शहीद के मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और जयंती में भाग लेने वाली महिलाओं से ज़ैनबी भूमिका…
-
वृक्षारोपण दिवस पर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने पौधे लगाए,और कहा पौधा लगाना और उसकी हिफ़ाज़त हर नागरिक की ज़िम्मेदारी हैं + फोंटों
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने ईरान में प्राकृतिक संसाधन सप्ताह व वृक्षारोपण दिवस पर रविवार को दो पौधे…
-
कुद्स फोर्स कमांडर सरदार क़ाआनी की इजरायली सरकार को चेतावनी:
हम इजरायल के विनाश तक फिलिस्तीनी प्रतिरोध का समर्थन करना जारी रखेंगे
हौज़ा / ईरान में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल इस्माइल क़ाआनी ने जोर देकर कहा कि "हम उन लोगों का समर्थन करना जारी रखेंगे जो इजरायल…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
तबरेज़ के लोगों के आंदोलन की सालगिरह पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई की लाइव खिताब
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई का खिताब 17 फ़रवरी को सुबह 10 बजे आयोजित होगा और सुप्रीम लीडर की स्पीच तेहरान के वक़्त के मुताबिक़ 10:25 पर…
-
हज़रत इमाम काज़िम अ.स.के मख़सूस कमरे में तलवार, खुरदुरा लेबास और क़ुरआन किस चीज़ की अलामत?
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई: ने कहां, इमाम अलैहिस्सलाम के तबर्रूकात आज भी मौजूद है जो मुख्तलिफ चीजों पर…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
मज़दूर के सिलसिले में इस्लाम का नज़रिया,उनकी क़द्र करनी चाहिए इस्लाम उनको सम्मान देता हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने लेबर और मज़दूरों से मुलाकात के दौरान कहा; कि यह उत्पादन की रीढ़ हैं।
-
ख़ूज़िस्तान की जनता की समस्याएं फ़ौरन हल की जाएं, आयतुल्लाह ख़ामेनई
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने अहवाज़ की जनता के शिकवे को जायज़ बताया और उन अनुशंसाओं का ज़िक्र किया जो ख़ूज़िस्तान की पानी और ड्रेनेज समस्या के…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
दिल और रूह को पाकीज़ा करने की शर्त
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,दिल सिर्फ़ नमाज़, दुआओं और अल्लाह की याद से पाक होता है। अगर कोई यह…
-
;इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई
4000 शहीद धर्मगुरुओं को श्रद्धांजली देने के लिए आयोजित सेमीनार के आयोजकों के बीच तक़रीर
हौज़ा/इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शहीद धर्मगुरुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित होने वाले सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
रजब के महीने की दुआएं रूहानियत या अध्यात्म का समंदर हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,दुआ की सिर्फ़ यह तासीर नहीं कि इंसान अपना दिल अल्लाह के क़रीब कर लेता…
-
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेताः
कुछ देश जो २१वीं सदी में भी क़बायली सिस्टम से चल रहे है, कहते हैं कि ईरान के चुनाव लोकतांत्रिक नहीं हैं
हौज़ा / इस्लामी गणराज्य ईरान में राष्ट्रपति पद के तेरहवें और नगर व ग्राम परिषद के छठे चुनावों के मौक़े पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने बुधवार…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई:
परमाणु मामले में ईरान से पश्चिमी देशों की दुश्मनी और पाबंदियों की वजह, ईरान को साइंस में तरक़्क़ी से रोकना हैं।
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तबरेज़ के अवाम के 29 बहमन 1356 हिजरी शम्सी बराबर 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर गुरूवार…
-
रमज़ानुल मुबारक के पहले दिन इस्लामी क्रांति के नेता की उपस्थिति में, कुरआन मजीद से उन्स की महफिल
हौज़ा/पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी रमज़ानुल मुबारक के पवित्र महीने के पहले दिन इस्लामी क्रांति के नेता की उपस्थिति में पवित्र कुरआन की तिलावत का प्रोग्राम…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
वैश्विक हालात से और भी स्पष्ट हुआ कि साम्राज्यवाद के बारे में ईरान का स्टैंड बिल्कुल दुरुस्त हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,वैश्विक हालात से और भी स्पष्ट हुआ कि साम्राज्यवाद के बारे में ईरान…
-
इमाम ख़ुमैनी (र.ह.)और शहीदों के मज़ारों पर सुप्रीम लीडर की उपस्थिति
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने सोमवार को सुबह तड़के तेहरान के बहिश्ते ज़हरा नामक क़ब्रस्तान में स्थित इमाम…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
तिलावते क़ुरआन का रूहानी प्रोग्राम, एक करोड़ हाफ़िज़े क़ुरआन तैयार करने के मिशन पर ज़ोर
हौज़ा/सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने रमज़ानुल मुबारक के रूहानी प्रोग्राम ‘क़ुरआन से उन्सियत की महफ़िल’ में रमज़ान को, अल्लाह की ख़त्म न होने…
-
प्रतिबंधों से बचने के लिए अमरीका के सामने झुकना एक बड़ी गलती हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने एक्सपर्ट्स के मेंबरों से आज तेहरान में मुलाक़ात की इस मुलाकात के दौरान कहा,प्रतिब…
-
राष्ट्रपति का ख़ूज़िस्तान दौरा, सरकार की जनता के प्रति हमदर्द होने की झलक
हौज़ा / इस्लामी सरकार और इस्लामी गणराज्य की बुनियाद न्याय और बराबरी पर है। मेरे ख़्याल में आप जो भी क़ानून पास करते हैं, सरकार जो भी बिल मंज़ूर करती…
-
अफ़ग़ानिस्तान के क़ुन्दूज़ में एक मस्जिद में हुए दर्दनाक धमाके की घटना पर सुप्रीम लीडर का बयान
हौज़ा/इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने अफ़ग़ानिस्तान के क़ुन्दूज़ प्रांत में एक मस्जिद में हुए भीषण धमाके के मुजरिमों को सज़ा दिए जाने और ऐसी घटनाओं…
-
जब हम क़ुरआन पढ़ते हैं तो मानो अल्लाह हमसे गुफ़तुगू करता हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां, रमजानुल मुबारक अल्लाह का महीना हैं इस महीने में अल्लाह से करीब होने…
-
सुप्रीम लीडर:
ईरान की नीति पड़ोसी देशों से रिश्तों को मज़बूत बनाना है और यह बिल्कुल सही नीति हैं।फोंटों
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तुर्कमन राष्ट्रपति सरदार बर्दी मोहम्मद ओफ़ और उनके शिष्टमंडल से मुलाक़ात में दोनों मुल्कों के संबंध में विस्तार को…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
रमज़ान के महीने का सब से अहम फल तक़वा हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,तक़वा का मतलब है अल्लाह के सीधे रास्ते पर चलने के दौरान अपने ऊपर नज़र…
-
अफ्रीकी देश बर्किना फासु में तेजानी राहनुमा का निधन
हौज़ा/ अफ्रीकी पश्चिम में स्थित मुल्क,बर्किना फासु के तेजानी रहनुमा शेख़ अबू बकर ने लंबी बीमारी के बाद निधन कर गए,
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई
छात्रों को रहबरे इंक़ेलाब की नसीहतः हरगिज़ मायूस न होइए,बल्कि उम्मीद का मरकज़ बनिए
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,आप विद्यार्थियों से मेरी विनती है ना उम्मीदी और लक्ष्यहीनता से दूरी…
-
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़मेनेई:
अमरीका के मौजूदा और पिछले राष्ट्रपति दोनों मिलकर इस मुल्क की रही सही इज़्ज़त नीलाम कर रहे हैं।
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने वायु सेना के कमांडरों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा: कि अभिव्यक्ति और बयान का जेहाद तत्कालिक…
-
:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
एटमी डील के विषय में अमरीकियों ने वादा ख़िलाफ़ी की
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,एटमी डील के विषय में अमरीकियों ने वादा ख़िलाफ़ी की और अब इसी वादा ख़िलाफ़ी…
-
अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए अहम हैं, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की
हौज़ा/ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि यू. के. और संघ उक्रेन की सहायता करेंगे,हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।दोनों नेता यूक्रेन की स्थिति पर लगातार संपर्क…
आपकी टिप्पणी